देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत: मोदी

Last Updated 27 Mar 2015 09:24:33 PM IST

देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ष 2022 तक कच्चे तेल के आयात में 10 प्रतिशत कमी लाई जानी चाहिए.


पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा आयोजित पहले ऊर्जा संगम सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये प्रधानमंत्री मोदी.

इसके साथ ही उन्होंने संपन्न लोगों से स्वेच्छा से रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने की भी अपील की.

पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा आयोजित पहले 'ऊर्जा संगम' सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये प्रधानमंत्री ने आज कहा कि इस समय पेट्रोलियम पदार्थों का आयात कुल मांग का 77 प्रतिशत है, वर्ष 2022 तक इसे 10 प्रतिशत कम किया जाना चाहिये और उसके बाद 2030 तक आयात और कम करके 50 प्रतिशत पर लाया जा सकता है.

देश में वर्ष 2013-14 में कच्चे तेल आयात पर 1,89,238 करोड़ रुपए खर्च हुये हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय देश में 27 लाख लोगों को पाइप के जरिये रसोई गैस की आपूर्ति की जा रही है. चार साल में एक करोड़ परिवारों को पाइप गैस की आपूर्ति करने की योजना है.

मोदी ने सुविधा संपन्न लोगों से स्वेच्छा से सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर छोड़ने की अपील करते हुये कहा कि अब तक 2.8 लाख लोगों ने इस तरह के एलपीजी कनेक्शन छोड़े हैं. इससे 100 करोड़ रुपए सब्सिडी की बचत हुई है.

उन्होंने कहा ''सब्सिडी में बची इस राशि का उपयोग गरीबों के लिये स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जायेगा. मैं अपील करता हूं कि जो बाजार मूल्य पर एलपीजी खरीद सकते हैं वे कृपया सब्सिडीशुदा एलपीजी नहीं लें.''

'ऊर्जा संगम- 2015' का आयोजन ओएनजीसी विदेश, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड और इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में किया गया.

प्रधानमंत्री ने विकास के लिये ऊर्जा को जरूरी बताते हुये कहा कि ऊर्जा सुरक्षा देश की आवश्यकता और जिम्मेदारी दोनों है. उन्होंने कहा ''पिछले दस महीने के दौरान सुधारों को बल दिया गया. कई पहलें की गई हैं. आम आदमी की ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये गैस सब्सिडी सीधे हस्तांतरित करने पर जोर दिया गया. 12 करोड़ लोगों को सीधे बैंक खातों में गैस सब्सिडी पहुंचाने का काम किया गया. सरकार ने जनधन, जनशक्ति और ऊर्जा शक्ति को जोड़ने का प्रयास किया. 

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा रसोई गैस सब्सिडी की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना शुरू करने के बाद से कई और लोग गैस सिलेंडर की सब्सिडी योजना को छोड़कर इससे बाहर हुये हैं.

मोदी ने कहा कि बैंक खातों में सीधे रसोई गैस सब्सिडी देने से सब्सिडी का दुरुपयोग कम करने और भ्रष्टाचार से प्रभावशाली तरीके से निपटने में मदद मिली है.
  
उन्होंने कहा ''भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए यदि संस्थागत, पारदर्शी और नीति के तहत काम करने वाली प्रणाली पर काम किया जाये तो हम गड़बड़ी रोक सकते हैं. और यह नकद अंतरण से साबित हो गया है.''

मोदी ने भारतीय ऊर्जा कंपनियों से कहा कि वे बहुराष्ट्रीय बनें और पश्चिम एशिया, मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के ऊर्जा गलियारे में अपनी मौजूदगी बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि उन्हें उत्तरी अमेरिका और अफ्रीका में भी मौके तलाशने चाहिये.

 



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