रेलवे में निजी निवेश के लिए पारदर्शी प्रणाली:प्रभु
निजी निवेश आमंत्रित करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि निवेशकों की सुविधा के लिए एक पारदर्शी प्रणाली लगाई जा रही है और मंत्रालय के सार्वजनिक-निजी भागीदारी :पीपीपी: प्रकोष्ठ को दुरस्त किया जा रहा है.
रेलवे में निजी निवेश के लिए पारदर्शी प्रणाली:प्रभु (फाइल फोटो) |
उन्होंने रेलवे के निजीकरण की संभावना से इनकार किया, लेकिन कहा कि सार्वजनिक परिवहन की सेवाओं में सुधार एवं इसे व्यवहारिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए निजी पूंजी जरूरी है.
पीएचडी चैंबर द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में प्रभु ने कहा, ‘‘सभी कारोबारी भी इसमें भागीदार हैं. आप रेलवे को बेहतर एवं वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के लिए नए विचार एवं निवेश लेकर आएं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे भारत को बदल सकती है और हम साथ मिलकर यह कर सकते हैं.’’
रेलवे ने स्टेशनों के विकास, बायो-टायलेट की स्थापना, ट्रेनों एवं स्टेशनों की साफ सफाई सहित एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है.
प्रभु ने कहा, ‘‘हम रेलवे का निजीकरण नहीं करना चाहते, बल्कि हम रेल परियोजनाओं में निजी पूंजी चाहते हैं.’’
निजी निवेश आकषिर्त करने के लिए रेलवे ने एक समिति गठित की है जो उसके पीपीपी प्रकोष्ठ को दुरस्त करने के उपाय सुझाएगी.
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