sixth pay commision पेंशनर्स के लिए फायदेमंद

Last Updated 26 Mar 2015 02:27:40 PM IST

sixth pay commision का लाभ पाने का इंतजार कर रहे तमाम रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों और केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है.


sixth pay commision पेंशनर्स के लिए फायदेमंद (फाइल फोटो)

उन्हें जनवरी 2006 से छठे वेतन आयोग का लाभ मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कैट, हाई कोर्ट और सशस्त्र बल प्राधिकरण के फैसले पर मुहर लगाते हुए केंद्र सरकार की अपील खारिज कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को चार महीने के भीतर प्राधिकरण और हाई कोर्ट का आदेश लागू करने का निर्देश दिया है. इस आदेश से 2006 से पहले सेवानिवृत्त हुए सैन्य अधिकारियों और केंद्रीय कर्मचारियों को छह साल का एरियर मिलने का रास्ता साफ हो गया है.

सरकार चार महीने के भीतर आदेश पर अमल नहीं करती है, तो उसके खिलाफ प्राधिकरण में लंबित अवमानना याचिका पुनर्जीवित हो जाएगी. यह फैसला न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर व न्यायमूर्ति आर. भानुमति की पीठ ने सुनाया है.

फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर व न्यायमूर्ति आर. भानुमति की पीठ ने कहा है कि यदि सरकार चार महीने के भीतर आदेश के अनुसार काम नहीं करती है, तो उसके खिलाफ प्राधिकरण में लंबित अवमानना याचिका पुनर्जीवित हो जाएगी.

इस मामले में केंद्र सरकार की दलील थी कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2006 में लागू हुई हैं और उसी तिथि को कट ऑफ डेट माना जाएगा. 

इसलिए इससे पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को वेतन आयोग का लाभ नहीं दिया जा सकता. लेकिन सशस्त्र बल प्राधिकरण, कैट और हाई कोर्ट ने सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए पेंशनर्स को भी छठे वेतन आयोग का पूरा लाभ देने का आदेश दिया.

इस पर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी. सुप्रीम कोर्ट में सरकार की अपील 2011 से लंबित थी. अपील लंबित होने के दौरान ही सरकार ने इन पेंशनभोगियों को सितंबर 2012 से छठे वेतन आयोग का लाभ देने की घोषणा कर दी.

लेकिन पेंशनर्स पीछे नहीं हटे और वे वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2006 से ही लागू किए जाने पर अड़े रहे. सैन्य अधिकारियों के वकील ग्र्रुप कैप्टन कर्ण सिंह भाटी और केंद्रीय कर्मचारियों के वकील अनुपम दुबे का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कर्मचारियों को छह साल का एरियर (बकाया) सारे लाभों के साथ मिलेगा.
 
सुनवाई के दौरान सरकार की वकील एएसजी पिंकी आनंद ने कहा कि इस फैसले को लागू करने से सरकार पर भारी आर्थिक दबाव आएगा. अत: फैसले के अनुपालन के लिए कुछ समय दिया जाए. कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए सरकार को चार महीने का समय दे दिया.



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