स्पेक्ट्रम की नीलामी पूरी, 1.10 लाख करोड़ रूपये की लगी बोली
स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो गयी.19 दिनों में 115 चक्र में दूरसंचार कंपनियों ने एक लाख नौ हजार 874 करोड रूपये की बोली लगायी.
स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया पूरी (फाइल फोटो) |
स्पेक्ट्रम की नीलामी चार मार्च को शुरू हुयी और रविवार को छोड़कर सभी दिन ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया चली. सरकार ने 2100 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज और 8 00 मेगाहर्ट्ज बैंडों में कुल मिलाकर 380.75 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को नीलाम करने की पेशकश की थी.
इसमें से 2100 मेगाहर्ट्ज में मात्र पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम 22 में से 17 दूरसंचार सर्किलो में नीलामी के लिए रखा गया था. सरकार ने बोली लगाने वाली सफल कंपनियों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किये हैं, क्योंकि इससे जुडा एक मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है जिस पर अगली सुनवाई 26 मार्च को होनी है.
इस नीलामी में कुल आठ कंपनियों ने भाग लिया है. जबकि एमटीएस ब्रांड के तहत दूरसंचार सेवायें देने वाली कंपनी सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेस ने नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य को अत्यधिक बताते हुये इसमें भाग लेने से इंकार कर दिया था.हालांकि करीब 11 फीसदी स्पेक्ट्रम नहीं बिक पाया है.
जानकारों का कहना है कि स्पेक्ट्रम के लिए जिस तरह की एग्रेसिव बिडिंग हुई है उसके चलते टेलीकॉम कंपनियों को अपने टैरिफ में 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी करनी पड़ेगी. वहीं स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार का खजाना भरने से वित्त मंत्री अरुण जेटली भी खुश हैं.
माना जा रहा है कि टेलिकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम हासिल करना महंगा पड़ेगा. अनुमान जताया रहा है कि स्पेक्ट्रम के लिए वोडाफोन को 34500 करोड़ रुपये, भारती एयरटेल को 27500 करोड़ रुपये, आइडिया को 28000 करोड़ रुपये, रिलायंस जियो को 11000 करोड़ रुपये और रिलायंस कम्युनिकेशंस को 2300 करोड़ रुपये देना पड़ सकता है.
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