RBI ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की, सस्ता हो सकता है होम लोन
वित्तीय वर्ष 2015-16 का बजट पेश होने के बाद आरबीआइ ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव किया है.
सस्ता हो सकता है होम लोन (फाइल फोटो) |
आरबीआइ ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इस कटौती के बाद रेपो रेट अब 7.5 फीसद हो गया है, इससे पहले यह 7.75 फीसद था.
हालांकि आरबीआई ने सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) बिना किसी बदलाव के 4 फीसदी पर ही स्थिर रखा है. इस कटौती के बाद रिवर्स रेपो रेट में भी 0.25 फीसदी की कमी हो गई है और ये 6.75 फीसदी से घटकर 6.50 फीसदी हो गया है.
रेपो रेट में कटौती के बाद ब्याद दरों और ईएमआई में कमी होने की उम्मीद है. बजट में हुए ऐलानों के बाद माना जा रहा था कि आरबीआई दरों में कटौती कर सकता है.
रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. रेपो रेट में कमी से बैंकों को कम ब्याज देना पड़ता है. बैंकों का ब्याज कम होने से आम लोगों को फायदा होता है.
क्या होता है रिवर्स रेपो रेट?
यह रेपो रेट का बिल्कुल उल्टा होता है, जैसा इसके नाम से ही साफ है. जब कभी बैंकों के पास दिन-भर के कामकाज के बाद बड़ी रकमें बची रह जाती हैं, वे उस रकम को रिजर्व बैंक में जमा करते हैं, जिस पर आरबीआइ उन्हें ब्याज दिया करता है. रिजर्व बैंक इस ओवरनाइट रकम पर जिस दर से ब्याज अदा करता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं.
क्या होता है सीआरआर
देश में लागू बैंकिंग नियमों के तहत प्रत्येक बैंक को अपनी कुल कैश रिजर्व का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना ही होता है, जिसे कैश रिजर्व रेश्यो अथवा नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कहा जाता है.
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