भारत को 9-10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि की जरूरत : अरूण जेटली
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 9-10 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करने की जरूरत है.
वित्त मंत्री अरूण जेटली (फाइल फोटो) |
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 9-10 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करने और अगले दशक तथा इसके बाद भी इस वृद्धि दर को बरकरार रखने की जरूरत है ताकि बेहतर बुनियादी ढांचा मुहैया कराया जा सके और गरीबी कम की जा सके.
यहां निजी यात्रा पर आए जेटली ने कहा कि भारत को इस साल आठ प्रतिशत वृद्धि दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए और अगले दस साल और अधिक समय तक 9-10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करनी चाहिए.
उन्होंने यहां कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ इंटरनैशनल एवं पब्लिक अफेयर्स में आयोजित एक सत्र में अगले पांच से 10 साल के दौरान भारत की स्थिति के संबंध में उनके विचार के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा ‘ऐसा लग सकता है कि मैं बहुत आशावादी हूं लेकिन मैं वास्तविकता बयान कर रहा हूं.’
चीन की मिसाल देते हुए जेटली ने कहा कि एशिया के इस प्रमुख देश ने तीन दशक से अधिक समय तक औसतन करीब नौ प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की और इसके बाद यह वहां पहुंचा जहां आज है.
उन्होंने यहां आयोजित एक सत्र में ठसाठस भरे सभागार में कहा, ‘यदि हम इस साल आठ प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त करें और ज्यादा तेज वृद्धि दर्ज करने में कामयाब रहें तथा 9-10 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त करने के बाद अगले 10 साल के बाद भी बहुत वर्षों तक इस दर को बरकरार रखें .. भारत को इसी की जरूरत है.’
इस समारोह में कोलंबिया विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर अरविंद पनगढ़िया भी शामिल थे जिन्होंने हाल ही में गठित नीति आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
जेटली ने कहा कि भारत को वृद्धि दर बढ़ाने के लिए संसाधनों की जरूरत है लेकिन उसे वे संसाधन तब तक उपलब्ध नहीं होंगे जब तक यह 9-10 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज नहीं करता.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगले दशक और इससे अधिक समय तक करीब 10 प्रतिशत की सतत वृद्धि दर की जरूरत है ताकि बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार किया जा सके और गरीबी कम की जा सके.
उन्होंने कहा ‘मुझे लगता है कि यदि हम अगले 10 साल में उक्त वृद्धि दर्ज बरकरार रखते हैं तो हमारे पास उल्लेखनीय रूप से बेहतर बुनियादी ढांचा होगा और गरीबी की दर तेजी से घटेगी.’जेटली ने कहा ‘मैं चाहूंगा कि भारत अगले 10 साल में वृद्धि उक्त दर से वृद्धि दर्ज करे.’
उन्होंने कहा कि भारत में उस राजनीतिक बहस में संशोधन की जरूरत है जिसके तहत कहा जाता है कि ‘आप उद्योग समर्थक हैं या गरीब समर्थक हैं.’
जेटली ने कहा ‘दोनों के बीच में विरोधाभास है. मेरा मानना है कि यह गलती पिछली सरकार ने की है. सिर्फ संसाधनों के वितरण पर ध्यान देने की कोशिश में वे ऐसी पहलों को भूल गए जो वृद्धि दर बढ़ाने के लिए जरूरी हैं.’
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत को आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बाहर से निवेश लाने की जरूरत है.
जेटली ने कहा ‘मुझे इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि भारत में उपलब्ध निवेश बहुत मामूली है. हमारे बैंकों की वित्तपोषण की क्षमता भी मामूली है इसलिए जहां भी उपलब्ध है हमें वहां से चाहिए और इस संसाधन का बड़ा हिस्सा बुनियादी ढांचा में डालना होगा .. सरकार की अतिरिक्त संपत्ति का बड़ा हिस्सा हमारी गरीबी हटाने और उन्मूलन की योजनाओं पर खर्च करना होगा.’
उन्होंने कहा कि 9-10 प्रतिशत की सतत वृद्धि दर के साथ इन सभी कदमों से बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार करने और अपेक्षाकृत अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिलेगी.
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