रेलवे में सार्वजनिक निवेश को सुधारों से संबद्ध किया जाए : आर्थिक समीक्षा
भारतीय रेल लंबे समय से निवेश की कमी के संकट से जूझ रही है.संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2014-15 में कहा गया है कि रेलवे को अधिक सार्वजनिक निवेश की जरूरत है.
रेलवे को सार्वजनिक निवेश की जरूरत (फाइल फोटो) |
रेलवे को अधिक सार्वजनिक निवेश की जरूरत है, लेकिन यह इस शर्त के साथ होना चाहिए कि इसे संगठन के ढांचे में सुधार से जोड़ा जाएगा.
आर्थिक समीक्षा कहती है कि एक दक्ष रेल नेटवर्क में सार्वजनिक निवेश का विनिर्माण के साथ कुल उत्पादन पर सकारात्मक असर होगा. इसके प्रभाव स्थायी होंगे. इसमें दीर्घावधि में ‘रेल इकाइयों के निगमीकरण’ के विचार को भी आगे बढ़ाया गया है.
इसमें कहा गया है कि लगातार योजनाओं में परिवहन क्षेत्र की तुलना में रेलवे को कम संसाधनों का आवंटन किया गया है. समीक्षा में कहा गया है, ‘कुल योजना व्यय में रेलवे का हिस्सा मौजूदा समय में मात्र 5.5 प्रतिशत है, जबकि अन्य परिवहन क्षेत्र के लिए यह 11 प्रतिशत है. पिछले एक दशक के दौरान कुल विकास खर्च में रेलवे का हिस्सा दो प्रतिशत के निचले स्तर पर बना हुआ है.’
चीन के साथ अंतर का उल्लेख करते हुए समीक्षा में कहा गया है, ‘प्रति व्यक्ति के हिसाब से चीन ने इसी अवधि में रेलवे क्षेत्र औसतन 11 गुना निवेश किया है. हालांकि दोनों देशों की आबादी कमोबेश समान है.’
इसमें कहा गया है कि रेलवे में कम निवेश की स्थिति का भीड़भाड़, क्षमता पर दबाव, खराब सेवाएं व कमजोर वित्तीय सेहत से भी पता चलता है.
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