कोयला विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हुआ तो विकल्पों पर विचार : गोयल
कोयला खान (विशेष प्रावधान) विधेयक अगर राज्यसभा में पारित नहीं हो पाता है तो सरकार दूसरे विकल्पों पर विचार कर सकती है.
बिजली तथा कोयला मंत्री पीयूष गोयल (फाइल फोटो) |
कोयला विधेयक इस महीने की शुरूआत में लोकसभा में पेश किया गया जो अध्यादेश का स्थान लेगा. लोकसभा में विधेयक पारित हो चुका है.
बिजली तथा कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा, ‘‘अगर कोयला विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं होता है तो हम वैकल्पिक प्रावधानों पर गौर करेंगे.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या विकल्प हो सकता है, उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.
लोकसभा विधेयक को 12 दिसंबर को पारित कर चुकी है. इसमें उन 204 कोयला खानों की नये सिरे से नीलामी का प्रावधान है जिनका आबंटन उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया. सरकार ने विपक्षी दलों की इन आशंकों को दूर किया है कि विधेयक से कोयला क्षेत्र के निजीकरण का रास्ता खुलेगा.
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बीजद और वामपंथी दलों के सदस्यों ने यह मांग की है कि विधेयक पर विचार करने के लिये इसे स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिये.
रद्द कोयला खानों की नीलामी का रास्ता तैयार करने के लिये अक्तूबर में अध्यादेश जारी किया गया. पहले दौर में 74 कोयला खानों की नीलामी की जायेगी.
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