कर अधिकारियों को वैध बकाये की वसूली जरूर करनी चाहिये : जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राजस्व विभाग को उचित कर की वसूली अवश्य करनी चाहिये लेकिन अनुचित तरीके से लगाये गये कर पर ध्यान देने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि इससे केवल बदनामी होती है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की की 87वीं सालाना बैठक को संबोधित करते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली. |
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की की 87वीं सालाना बैठक को संबोधित करते हुये जेटली ने शनिवार को कहा, ‘‘.. ऐसे बकाया कर का भुगतान होना चाहिये और इसकी वसूली भी अवश्य की जानी चाहिये यहां तक कि इसके लिये जरूरत पड़ने पर बल का भी प्रयोग किया जाना चाहिये. लेकिन हम एक कानून के तहत शासित समाज हैं इसलिये ऐसे कर जो भुगतान योग्य नहीं हैं अथवा ऐसे कर जो अनुचित तरीके से थोपे गये हैं उनसे अंतत: कोई राजस्व नहीं मिलता है.’’
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा पिछली तिथि से किये गये कर संशोधन का जिक्र करते हुये जेटली ने कहा, ‘‘जहां तक इस तरह के कर की बात है, मैं अभी तक इसके तहत हासिल किये गये धन को नहीं देख पाया हूं क्योंकि किसी अदालत ने कहीं न कहीं इस तरह के कर को रोक दिया अथवा इसे निरस्त कर दिया. लेकिन यह सब करते हुये जो हुआ वह यह कि इससे हमारा नाम खराब हुआ है.’’
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि नई सरकार जिसका सामना बिना भुगतान वाले बिलों से हुआ है, उसके सामने अब राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 4.1 प्रतिशत पर रखने के लिये चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
जेटली ने कहा, ‘‘पिछले साल का कर रिफंड मुझे देना पड़ा, पिछले साल आखिरी तिमाही की सब्सिडी का भुगतान भी मुझे करना पड़ा. वर्ष 2010 से 2013 के दौरान केन्द्रीय बिक्री कर (सीएसटी) मुआवजे का भुगतान भी हमें करना पड़ा और इस सब के बावजूद मुझे राजकोषीय घाटे को 4.1 प्रतिशत पर रखना है.
संसद में शुक्रवार को रखी गई मध्यावधि आर्थिक समीक्षा में इस साल के बजट की राजस्व प्राप्ति के लिहाज से किये गये आकलन में कहा गया है कि राजकोषीय घाटे का अनुमान महत्वकांक्षी रखा गया है. इसमें कहा गया है कि बजट में 1.05 लाख करोड़ रपये का अधिक अनुमान लगाया गया है, मोटे तौर पर यही राशि है जिसकी कमी आने वाले दिनों में दिखाई दे रही है.
जेटली ने फिनलैंड की कंपनी नोकिया का नाम लिये बिना कहा कि तमिलनाडु में कर विवाद के चलते एक दूरसंचार संयंत्र को बंद कर दिये जाने से अक्तूबर में देश में दूरसंचार उपकरणों का उत्पादन 78 प्रतिशत घट गया.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सरकार की मंशा स्पष्ट कर दी है कि हम पिछली तिथि से कर लगाने के सिद्धांत पर विश्वास नहीं करते हैं इसलिये इसका कानूनी अधिकार होने के बावजूद भी हम इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे.’’
जेटली ने कहा कि सरकार इस मामले में अदालत के फैसलों पर नजर रखे हुये हैं और उसका प्रयास है कि इस तरह के अनुचित विवादों को जितना संभव हो सके समाप्त किया जाये.
जीएसटी के मुद्दे पर जेटली ने उद्योग जगत से कहा कि उसे लोकसभा में पेश जीएसटी विधेयक के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताना चाहिये और जनमत बनाना चाहिये.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्यों से बात करना जारी रखूंगा. उन्हें संतुष्ट करूंगा, उन पर दबाव डालूंगा और यदि जरूरी हुआ तो उन्हीं के राज्य में जनमत के जरिये भी दबाव बनाया जायेगा.’’
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