RBI की नई क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान मंगलवार को

Last Updated 30 Sep 2014 09:29:07 AM IST

रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से मंगलवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बेहद कम है.


RBI की नई क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान (फाइल फोटो)

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन मंगलवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख दरों को यथावत रख सकते हैं.

उद्योग जगत दर में कटौती के लिए रिजर्व बैंक पर दबाव बनाये हुये है.

यद्यपि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में कुछ नरमी आई है जो अगस्त में घटकर 7.8 प्रतिशत पर आ गई, लेकिन केंद्रीय बैंक मध्यम अवधि के लक्ष्यों को लेकर चिंतित है.

राजन कई बार यह विचार रख चुके हैं कि वह मुद्रास्फीति की समस्या के लिए एक टिकाऊ समाधान चाहते हैं और इस दिशा में उनका प्रयास जारी है. उन्होंने हाल ही में कहा कि वह मुद्रास्फीति को फिर से बढ़ाने के लिये ब्याज दरों में कमी नहीं लायेंगे, क्योंकि यह अभी भी मजबूती में है.

रिजर्व बैंक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के जनवरी 2015 तक आठ प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखे हुये है. लेकिन उसकी चिंता जनवरी 2016 के 6 प्रतिशत मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर है, जिसे लेकर रिजर्व बैंक ने चिंता जताई है.

केन्द्रीय बैंक ने अगस्त में जारी नीतिगत समीक्षा में इसको लेकर चिंता व्यक्त की है. बैंक ने कहा कि इस दौरान मुद्रास्फीति उंची रहने का जोखिम है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर 5.55 प्रतिशत से घटकर 3.74 प्रतिशत रह गई.

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयर की रिपोर्ट के मुताबिक ब्याज दरों को लेकर केंद्रीय बैंक अभी भी मुतमुइन नहीं है. खास तौर पर देश के कई हिस्सों में मानसून के सामान्य से कम रहने का क्या असर होगा, इसका हिसाब किताब नहीं लग पाया है.

वैसे, मानसून ने अंत में अपनी स्थिति सुधारी है लेकिन फिर भी कई हिस्सों में फसलों पर असर पड़ा है. वैसे भी आरबीआइ गर्वनर पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि वह नहीं चाहते कि ब्याज दरों को घटाया जाए और फिर कुछ महीनों बाद इसमें इजाफा किया जाए. ऐसे में आरबीआइ कुछ महीने और इंतजार कर सकता है.

महंगाई के ताजा आंकड़े देखें तो वे निश्चित तौर पर गिरावट का रुझान दिखा रहे हैं. अगस्त, 2014 में थोक मूल्य आधारित महंगाई की दर 3.74 फीसद थी, जो पिछले दो वर्षो का सबसे न्यूनतम स्तर है.

खुदरा महंगाई के आंकड़े (7.8 फीसद) बताते हैं कि इनमें कमी आई है. केंद्रीय बैंक ने मार्च, 2015 तक खुदरा महंगाई को आठ और मार्च, 2016 तक इसे घटाकर छह फीसद पर लाने का लक्ष्य रखा है.



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