दादरी परियोजना मामले में रिलायंस को राहत
दादरी बिजली परियोजना के भूमि अधिग्रहण के मामले में दायर अपील को वापस लेने की अनिल अंबानी समूह की रिलायंस पावर कंपनी के आग्रह को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट |
एडीएजी कंपनी अपील वापस लेने के साथ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अधिग्रहीत की गई जमीन लौटाएगा. करीब दस साल पहले रिलायंस ने गाजियाबाद के दादरी में गैस आधारित 7480 मेगावाट प्लांट की योजना बनाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस के आवेदन को अनुमति प्रदान करते हुए कंपनी की ओर से दिए गए मुआवजे की रकम वापसी के मुद्दे को खुला रखा है. किसानों ने गलत अधिग्रहण के मामले में मुआवजे की रकम नहीं लौटाने का पक्ष रखा है जबकि कंपनी ने इस मामले में पहले राज्य सरकार से संपर्क करेगी और उसके बाद ही कानूनी रास्ते पर आगे बढ़ेगी.
गौरतलब है कि रिलायंस पावर लिमिटेड ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2009 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें 2500 एकड़ कृषि भूमि पर किए गए अधिग्रहण को रद्द करने का फैसला दिया गया था. रिलायंस समूह ने 25 हजार करोड़ रु के पावर प्रोजेक्ट के लिए यह जमीन यूपी सरकार से ली थी.
जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कंपनी की ओर से याचिका वापस लेने के आवेदन को अनुमति प्रदान करते हुए मामले का निपटारा कर दिया. बेंच ने कहा कि याचिका वापस लिए जाने की स्थिति में यह मामला सुनवाई योग्य नहीं रह गया.
हालांकि अदालत ने कंपनी की ओर से दिए गए मुआवजे की रकम लौटाए जाने के मुद्दे को बाकी रखा है. रिलांयस पावर के वकील ने कहा कि कंपनी मुआवजे के तौर पर दी गई 85 करोड़ रु की रकम वापस लेने के लिए राज्य सरकार से संपर्क करेगी जो किसानों को जमीन के एवज में दी गई थी.
रिलायंस पावर लिमिटेड ने अर्जी में कहा है कि वह अपील वापस लेना चाहता है, क्योंकि दस साल की लंबी अवधि के दौरान परिस्थितियां बदल गई हैं. घरेलू प्राकृतिक गैस की देश में भारी कमी है. प्लांट चलाने के लिए प्राकृतिक गैस का कोटा हासिल करना होगा, जबकि यह इस समय यह बेहद मुश्किल काम है.
रिलायंस ने अर्जी में केंद्रीय उर्जा मंत्री पीयूष गोयल के लोकसभा में दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा है कि सरकार नई परियोजनाओं के लिए गैस की उपलब्धता की गारंटी नहीं दे सकती. सुप्रीम कोर्ट ने इस आवेदन पर 8 सितम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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