'चीन को भारतीय जेनेरिक दवाओं के लिये बाजार खोलना चाहिए'
ऐसी उम्मीद है कि शी की यात्रा से भारत में बड़े पैमाने पर निवेश का रास्ता खुलेगा. साथ ही बढ़ते व्यापार घाटा मसले का समाधान होगा.
चीन को भारतीय जेनेरिक दवाओं के लिये बाजार खोलना चाहिए (फाइल फोटो) |
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बुधवार से शुरू हो रही भारत यात्रा से पहले भारतीय औषधि विशेषज्ञों ने कहा है कि साम्यवादी देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य भारत की जेनेरिक दवाओं के लिये बाजार खोलना चाहिए तथा रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करना चाहिए.
कुछ भारतीय औषधि कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि भारत सरकार को चीन से व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिये उसकी तरफ से दिये गये आासन को पूरा करने और भारत से आयात को बढ़ावा देने के लिये कहना चाहिए.
सालाना 67 अरब डालर के द्विपक्षीय व्यापार में व्यापार घाटा लगभग 35 अरब डालर वाषिर्क पहुंच गया है.
प्रतिनिधियों ने कहा कि चीन उन स्थापित भारतीय औषधि कंपनियों को ‘ग्रीन चैनल’ प्रवेश उपलब्ध करा सकता है जिनकी विनिर्माण इकाइयां अमेरिकी खाद्य तथा दवा प्रशासन :यूएसएफडीए: या यूके एमएचआरए शतरें को पूरा करती हैं.
इस कदम से न केवल भारतीय निर्यात बढ़ेगा बल्कि चीनी आबादी को जीवन रक्षक दवाएं सस्ती दर पर मिलेगी.
चीन में कुछ भारतीय औषधि कंपनियां काम कर रही हैं जिसमें डा. रेड्डीज, रैनबैक्सी, सन फार्मा एवं अरबिंदो शामिल हैं.
Tweet |