यूबीआई ने किंगफिशर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया कैविएट
सार्वजनिक क्षेत्र के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसला दिए जाने के तुरंत बाद उच्चतम न्यायालय में किंगफिशर एयरलाइंस के खिलाफ एक कैविएट दाखिल कर दिया है.
किंगफिशर |
यूबीआई के कार्यकारी निदेशक डी. नारंग ने बताया,‘ कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसला दिए जाने के तुरंत बाद हमने उच्चतम न्यायालय में किंगफिशर के खिलाफ कैविएट दाखिल कर दिया है.’
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने यूबीआई के खिलाफ किंगफिशर की अपील खारिज कर दी और एकल जज के निर्णय को सही ठहराया जिसमें कंपनी को एक वकील को प्रतिनिधि बनाने की अनुमति नहीं दी गई.
फैसले में कहा गया कि बैंक की शिकायत निपटान समिति के समक्ष सुनवाई के लिए या तो कंपनी के चेयरमैन विजय माल्या पेश हो सकते हैं या कंपनी का एक प्रतिनिधि भेज सकते हैं.
इससे पहले, यूबीआई ने विजय माल्या की पहचान जानबूझकर चूक करने वाले व्यक्ति के तौर पर की थी और उन्हें जानबूझकर चूक करने वाला व्यक्ति घोषित करने से पूर्व माल्या को बैंक की समिति के समक्ष पेश होने को कहा था.
बाद में माल्या ने अदालत का दरवाजा खटखटाकर समिति के समक्ष अपनी पेशी से छूट के लिए अर्जी दी थी.
संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंक का 350 करोड़ रुपये लोन बकाया है.
एसबीआई और पीएनबी जैसे कई अन्य बैंक भी माल्या को जानबूझकर चूककर्ता के तौर पर घोषित करने की कोशिश में हैं.
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