मोदी के आते ही आए इकॉनमी के अच्छे दिन, 5.7 प्रतिशत पर पहुंची जीडीपी

Last Updated 29 Aug 2014 06:09:31 PM IST

केंद्र में नरेद्र मोदी की स्थिर सरकार आते ही इकॉनमी के अच्छे दिन आ गए हैं. जीडीपी ढाई साल के ऊपरी स्तर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है.


इकॉनमी के अच्छे दिन, 5.7 पर जीडीपी

निर्णायक नेतृत्व वाली स्थिर सरकार बनने का असर अर्थव्यवस्था पर साफ-साफ दिखायी दे रहा है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गयी है.

सरकारी बयान के अनुसार पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह दर 4.7 प्रतिशत रही थी. चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून तिमाही में बिजली गैस और जलापूर्ति क्षेत्र की विकास दर 10.2 प्रतिशत रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 3.8 प्रतिशत रही थी.

इस दौरान वित्त, बीमा, रियल एस्टेट और कारोबारी सेवा क्षेत्र की विकास दर भी 10.4 प्रतिशत रही है. सामुदायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत सेवाओं की वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रही है.

अर्थव्यवस्था में महती भूमिका निभाने वाले विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा है. इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र 3.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 1.2 प्रतिशत निगेटिव रहा था. इस दौरान निर्माण क्षेत्र 4.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है.

हालांकि कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 4.0 प्रतिशत से घटकर 3.8 प्रतिशत पर आ गयी है.

केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में निर्णायक और स्थिर सरकार बनने से अर्थव्यवस्था को गति मिली है. पिछले दो वित्त वर्ष में लगातार विकास दर पांच प्रतिशत से नीचे बनी हुयी थी लेकिन पहली तिमाही में हुई वृद्धि से अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे दिन आ गये हैं.

बयान के अनुसार पहली तिमाही में सीमेंट उत्पादन में 9.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि इस्पात की खपत 0.7 प्रतिशत बढ़ी है.

मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के तीन महीने में अर्थव्यवस्था को गति देने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं.

रक्षा और रेलवे क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोला गया है और इसी की वजह से शेयर बाजार प्रतिदिन नए शिखर छू रहा है.

मोदी ने देश में कारोबार करना आसान बनाने, स्थिर कराधान और परियोजनाओं की मंजूरी में तेजी लाने का वादा किया था और प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस दिशा में काम किया जिससे एशिया की यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ढाई साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने में सफल रही है.

प्रधानमंत्री के समक्ष देश के करोड़ो लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और गरीबी से बाहर निकालने के लिए अर्थव्यवस्था को तीव्र विकास के पथ पर ले जाने की चुनौती है.



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