डीजीसीए ने जीएमआर के 11 पायलटों पर पाबंदी लगायी
विमानन नियामक डीजीसीए ने बुनियादी ढांचा कंपनी जीएमआर के 11 पायलटों पर तीन महीने तक विमान उड़ाने की पाबंदी लगा दी है.
जीएमआर के 11 पायलटों पर पाबंदी लगायी (फाइल फोटो) |
पायलटों पर पाबंदी से कंपनी के ज्यादातर विमान एक तरह से खड़े हो गए हैं और चुनाव प्रचार अभियान में इनकी मदद ले रहे बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों को विकल्प खोजना पड़ रहा है.
डीजीसीए सूत्रों ने बताया कि नियामक ने यह अभूतपूर्व कार्रवाई यह देखने के बाद की कि जीएमआर एविएशन की पिछले एक माह के दौरान कई उड़ानों के संबंध में कुछ अनिवार्य जांच नहीं कराई गयी थी. ऐसी उड़ानों में सोमवार की एक उड़ान भी है जिसमें कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भुवनेश्वर गये थे.
सूत्रों ने बताया कि उड़ान से पहले अन्य परीक्षण के साथ साथ पायलटों तथा चालक दल के सदस्यों की सांस की जांच भी करानी होती है. लेकिन जांच में यह पाया गया कि सांस का परीक्षण करने वाला उपकरण काम नहीं कर रहा था.
डीजीसीए ने इस शिड्यूल चार्टर्ड विमान सेवा कंपनी के विमानों के दस्तावेज एवं उपकरणों की 12 मार्च तथा 14 अप्रैल के बीच जांच की थी. उसी में यह गड़बड़ी पायी गयी.
सूत्रों ने दावा किया कि रिकार्डों की जांच में जीएमआर एविएशन के चालक दल की जांच की खानापूर्ति फर्जी तरीके से करने के भी साक्ष्य मिले हैं.
जीएमआर का फाल्कन 2000-एलएक्स अत्याधुनिक जेट है जिसका उपयोग राहुल गांधी और सोनिया गांधी करती हैं. यही विमान सोमवार को राहुल को लेकर गया था.
डीजीसीए ने जीएमआर एविएशन के 11 पायलटों तथा चालक दल के छह सदस्यों को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि क्यों नहीं पांच साल के लिये उन्हें निलंबित कर दिया जाए.
सूत्रों ने कहा कि नियामक ने सन संबंधी परीक्षण वाला उपकरण एक महीने से खराब होने के बावजूद चालक दल को उड़ान से पहले स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जारी करने को लेकर कंपनी के डाक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्णय किया है.
उन सभी उड़ानों के लिये उड़ान पूर्व सन संबंधी परीक्षण अनिवार्य है जिसका उपयोग राहुल और सोनिया गांधी जैसे एसपीजी सुरक्षा प्राप्त वीवीआईपी करते हैं.
Tweet |