योजना आयोग का पुनर्गठन किया जाए: यशवंत सिन्हा

Last Updated 20 Dec 2013 01:23:55 PM IST

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने योजना आयोग के पुनर्गठन का सुझाव दिया है.


यशवंत सिन्हा

उन्होंने कहा कि आयोग को केवल भावी योजना तैयार करने और उसके क्रियान्वयन पर ध्यान देना चाहिये. राज्यों के वित्तीय मामलों और कामकाज में आयोग का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये.

सिन्हा ने कहा कि राज्यों के वित्तपोषण और कामकाज की बारीकी से देखरेख उसे नहीं करनी चाहिये यह काम वित्त मंत्रालय का है. ‘आयोग को राज्यों के वित्त प्रबंधन पर बारीक निगाह रखने का अधिकार दिये बिना उसे केवल भावी योजना और उसके क्रि यान्वयन का काम दिया जाना चाहिये.’

सिन्हा के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि योजना आयोग का गठन एक सरकारी आदेश के जरिये किया गया. तब से यह बिना किसी संवैधानिक व्यवस्था के लगातार काम कर रहा है और आज राज्यों को धन के बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सहकारी संघवाद ही एकमात्र रास्ता है. आने वाले समय में केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच व्यापक सहयोग की जरूरत होगी.

राज्यसभा सांसद एनके सिंह ने कहा कि समय के साथ देश में राज्यों और केन्द्र सरकार के बीच बेहतर तालमेल के लिये कोई व्यावहारिक प्रणाली विकसित नहीं हो पाई है. अंतरराज्यीय परिषद बेकार पड़ी है.

सिन्हा ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर ‘जीएसटी’ पर गठित राज्यों के वित्तमंत्रियों की अधिकारसंपन्न समिति केन्द्र और राज्यों के सहयोग के मामले में एक सफल अनुभव है.

दूसरे मामलों जैसे आंतरिक सुरक्षा मुद्दे पर भी ऐसी ही गृहमंत्रियों की एक समिति बनाई जा सकती है.

राजकोषीय घाटे की स्थिति सुधारने के मामले में उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के मुकाबले इस मामले में राज्यों का प्रदर्शन बेहतर रहा है.

कट्स के महासचिव प्रदीप एस. मेहता ने इस अवसर पर कहा कि भारत का संविधान किसी केन्द्र अथवा केन्द्र सरकार की भूमिका को नहीं बताता बल्कि इसमें संघीय सरकार की भूमिका बताई गई है.
 



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