प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य घटा

Last Updated 19 Dec 2013 08:23:18 PM IST

सरकार ने प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य को घटा कर 350 डालर प्रति टन कर दिया है.


प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य घटा (फाइल फोटो)

घरेलू थोक बाजार में प्याज के दामों में भारी गिरावट के मद्देनजर सरकार ने प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य :एमईपी: में बड़ी कटौती कर उसे 350 डालर प्रति टन कर दिया है जिससे सस्ती दर के प्याज का भी निर्यात संभव हो सकेगा.

अभी तक 800 डालर प्रति टन से नीचे के भाव पर प्याज का निर्यात नहीं किया जा सकता था. इस कदम का उद्देश्य प्याज के निर्यात को प्रोत्साहन देना है.प्याज के मूल्यों में गिरावट की वजह से उत्पादक राज्यों में किसानों का विरोध प्रदर्शन हो रहा है.

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, सभी किस्म के प्याज का निर्यात. का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 350 डालर प्रति टन होगा. तीन दिन पहले डीजीएफटी ने एमईपी को 1,150 डालर प्रति टन से कम करके 800 डालर प्रति टन कर दिया था.

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि नवंबर के उत्तरार्ध और दिसंबर के आरंभ में आवक में सुधार के बाद एक अन्तर मंत्रालयीय समिति ने एमईपी को कम करने का फैसला किया.

बयान में कहा गया कि अब चूंकि आवक में पर्याप्त सुधार हुआ है और बेहतर उत्पादन की संभावना तथा महाराष्ट्र की मंडियों में थोकबिक्री मूल्य में पर्याप्त गिरावट को देखते हुए फैसला किया गया है कि तत्काल प्रभाव से एमईपी को कम करके 350 डालर प्रति टन किया जाये.

जुलाई के बाद से देश भर में प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आई थी. अगस्त, सितंबर, अक्तूबर और नवंबर में भी कीमतों में बढ़त कायम रही.

अक्तूबर के मध्य में बेमौसम बरसात और व्यापारियों द्वारा सटोरिया जमाखोरी जैसे विभिन्न कारणों से खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 100 रुपये प्रति किग्राके आसपास पहुंच गई थीं.

इस स्थिति ने सरकार को प्याज के निर्यात को हतोत्साहित करने और घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के ध्येय से एमईपी को बढ़ाना पड़ा.

निर्यात रोक के कारण अगस्त में प्याज का निर्यात पर्याप्त रूप से कम होकर 29,000 टन रह गया. इस वर्ष अप्रैल नवंबर की अवधि में निर्यात 8.53 लाख टन का हुआ जो वर्ष 2012.13 की समान अवधि में 18.22 लाख टन था.

एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासालगांव के प्याज बाजार में थोक बिक्री मूल्य 10 रुपये प्रति किग्रातक गिर गया है. सितंबर में यह 60 रुपये प्रति किग्राके उच्च स्तर पर था. जबकि खुदरा बाजारों में कीमतें 100 रुपये के स्तर से घटकर 30 रपये प्रति किग्रा रह गई है.

थोक बिक्री मूल्य में गिरावट के कारण महाराष्ट्र जैसे उत्पादक राज्य में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे निर्यात पर लगी रोक को हटाने की मांग कर रहे हैं.

सरकार ने कहा कि एमईपी में कटौती के कारण प्याज कीमतों में भारी गिरावट पर रोक लगेगीऔर इस प्रकार किसानों और उपभोक्ताओं के हितों का संतुलन कायम होगा.


 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment