भारतीय इकाई में हिस्सेदारी खरीदेगी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन
ब्रिटेन की फार्मा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन पीएलसी ने अपनी भारतीय इकाई ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स में 24.33 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के लिए खुली पेशकश लाने की घोषणा की.
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन |
कंपनी यह हिस्सेदारी 6,389.02 करोड़ रुपये में खरीदने का इरादा रखती है. इससे बंबई शेयर बाजार में उसकी भारतीय इकाई के शेयरों में 20 फीसद तक की तेजी आई.
इस खुली पेशकश के जरिये जीएसके की योजना ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 50.67 फीसद से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने की योजना है. कुछ इसी तरह यूनिलीवर ने इसी साल अपनी भारतीय इकाई हिंद यूनिलीवर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी.
खुली पेशकश के तहत जीएसके 10 रुपये अंकित मूल्य के 2,06,9,774 शेयरों की खरीद 3,100 रुपये प्रति शेयर के मूल्य करेगी, जो 24.3 फीसद हिस्सेदारी के बराबर है.
जीएसके ने बयान में कहा कि नियामकीय मंजूरी के बाद यह पेशकश फरवरी, 2014 में खुल सकती है.
कंपनी ने कहा कि भारत में प्रतिभूति नियमन के तहत किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के लिए अपने कम से कम 25 फीसद शेयर बाजार में खरीद फरोख्त के लिए बाजार में सार्वजननिक रखना अनिवार्य है. जीएसके कंपनी को सूचीबद्ध बनाए रखना चाहती है.
कंपनी ने कहा कि यह पेशकश नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 13 दिसंबर को कंपनी के शेयर के बंद भाव पर 26 फीसद प्रीमियम के साथ आ रही है. जीएसके के मुख्य रणनीति अधिकारी डेविड रेडफर्न ने कहा, ‘जीएसके के लिए यह सौदा रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बाजार के लिए पहुंच का रास्ता खोलेगा.’
बंबई शेयर बाजार में ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन का शेयर 19.59 प्रतिशत बढ़कर 52 सप्ताह के उच्चस्तर 2,952 रुपये पर पहुंच गया.
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में यह 19.99 प्रतिशत के उछाल के साथ 2,952.15 रुपये पर पहुंचा.
ऐसे समय जबकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति को लेकर स्पष्टता का अभाव है और सरकार नियंत्रण वाली सूची में दवाओं की संख्या आक्रामक तरीके से बढ़ा रही है, इस पेशकश को लाने की वजह पूछे जाने पर रेडफर्न ने कहा कि जीएसके को इस सौदे से इस बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, ‘भारत रणनीतिक रूप से हमारे लिए महत्वपूर्ण बाजार है. हम करीब 90 साल से फार्मा कारोबार में है, वहीं हमारा उपभोक्ता कारोबार उससे भी पुराना है.’
सरकारी मूल्य नियंत्रण के बारे में पूछे जाने पर रेडफर्न ने कहा कि मात्रा के हिसाब से कारोबार बढ़ने कर स्थिति से निपटा जा सकेगा.
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