चालू वित्तवर्ष में 3 प्रतिशत से नीचे रहेगा कैड: रंगराजन

Last Updated 29 Nov 2013 03:03:05 PM IST

सरकार के कदमों के मद्देनजर चालू खाते का घाटा वित्तवर्ष के दौरान तीन प्रतिशत से नीचे आ सकता है.


सी रंगराजन

यह बात प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष सी रंगराजन ने कही.

रंगराजन ने भरोसा जताया कि वित्तवर्ष 2013-14 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रहेगी.

उन्होंने भारतीय आर्थिक सम्मेलन में कहा ‘जो पहल की गई हैं उनके मद्देनजर मौजूदा वित्तवर्ष में चालू खाते का घाटा निश्चित तौर पर तीन प्रतिशत के नीचे आ जाएगा और इस स्तर पर कैड के धन की व्यवस्था करना मुश्किल नहीं होगा.’

विदेशी मुद्रा के प्रवाह और निकासी के बीच का फर्क कैड कहलाता है जो सोने और कच्चे तेल के आयात के मद्देनजर 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 प्रतिशत के बराबर या 88.2 अरब डॉलर पर था.

सरकार ने कैड को नियंत्रित रखने के लिए कई पहलें की हैं जिनमें सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना और सोने की छड़ों और मेडल का आयात प्रतिबंधित रखना शामिल हैं.

सरकार ने रुपये में नरमी के मद्देनजर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी अनेक पहल की हैं.

सरकार को उम्मीद है कि कैड उल्लेखनीय रूप से घटकर 56 अरब डॉलर या इससे कम हो जाएगा.

रंगराजन ने कहा ‘मध्यम अवधि में हमें कैड को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 प्रतिशत के आस-पास नियंत्रित रखना चाहिए और इससे पूंजी प्रवाह सामान्य रूप में प्राप्त करने में मदद मिलेगी और इसका रुपये पर असर नहीं होगा.’

कैड के उच्च स्तर पर पहुंचने के कारण रुपया पर दबाव बड़ा जो अगस्त में डॉलर के मुकाबले 68.85 पर पहुंच गया था.

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निम्न वृद्धि के दौर से गुजर रही है. वित्तवर्ष 2013-14 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पिछले साल के पांच प्रतिशत के स्तर से बेहतर रहेगी.
उन्होंने कहा ‘अर्थव्यवस्था में तेजी साल की दूसरी छमाही में देखी जाएगी और मुझे लगता है कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत के करीब रहेगी.’

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पहली तिमाही में 4.4 प्रतिशत रही. दूसरी तिमाही की वृद्धि दर का आंकड़ा आज जारी किया जाना है.

रंगराजन ने कहा कि देश की वृद्धि दर मौजूदा निवेश दर पर भी देश की वृद्धि दर सात से 7.5 प्रतिशत हो सकती है बशर्ते परियोजनाएं तेजी से पूरी हों.

उन्होंने कहा ‘आठ से नौ प्रतिशत की वृद्धि की क्षमता प्राप्त करने के लिए कुछ मुद्दों का समाधान जरूरी है. महंगाई नियंत्रण, कैड पर लगाम और राजकोषीय पुनर्गठन में स्थिरता की जरूरत है.’

 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment