रेडिएशन नियमों के उल्लंघन पर अब देना होगा 10 लाख का जुर्माना

Last Updated 22 Nov 2013 03:36:29 PM IST

दूरसंचार विभाग (डॉट) ने मोबाइल टावरों से रेडिएशन उत्सर्जन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना राशि बढ़ाकर दोगुनी यानी 10 लाख रुपये कर दी है.


रेडिएशन नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना (फाइल फोटो)

यानी जिन कंपनियों के मोबाइल टावरों से उत्सर्जन तय सीमा से अधिक होगा, उन्हें 10 लाख रुपये जुर्माना देना होगा.

इसके अलावा विभाग दस्तावेजी कार्य से संबंधित जुर्माने की अधिकतम सीमा को 90 प्रतिशत घटा दिया है. विशेषरूप से मोबाइल टावर लगाने के लिए नियमों के अनुपालन संबंधी प्रमाणन देने में देरी करना आदि में जुर्माने की ऊपरी सीमा घटाई गई है.

डॉट के 20 नवंबर को जारी सकरुलर में कहा गया है, ‘‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (ईएमएफ) रेडिएशन नियमों के उल्लंघन के मामले में प्रति बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) प्रति मामले 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.’’ इससे पहले रेडिएशन नियमों के उल्लंघन के लिए अधिकतम जुर्माने की सीमा 5 लाख रुपये थी.

नए जुर्माना स्लैब के अनुसार, नियमों के स्व प्रमाणित दस्तावेज जमा कराने में देरी, विशेष रूप से रेडिएशन उत्सर्जन के मामले में जुर्माने की अधिकतम सीमा अब 50,000 रुपये होगी. पूर्व में दस्तावेज संबंधी मामलों में डॉट अधिकतम 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाता था.

उद्योग के अनुमान के अनुसार 2013 के मध्य तक डॉट ने मोबाइल टावरों में नियमों के उल्लंघन के मामले में कुल 1,900 करोड़ रपये का जुर्माना लगाया था. इसमें से सिर्फ 1.2 प्रतिशत ही रेडिएशन स्तर के बारे में था. वहीं 64 प्रतिशत दस्तावेज संबंधी था.

 



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