अब ‘आप’ खिसकी
पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने लोक सभा की सभी 13 सीटों के साथ ही चंडीगढ़ की एकमात्र लोक सभा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारने का मंसूबा साफ कर दिया है।
अब AAP खिसकी |
दिल्ली में अपनी सरकार होने और विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल कर चुकी आप दिल्ली में भी सभी सातों लोक सभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने के लिए मैदान में कूद पड़े तो ताज्जुब न होगा।
खन्ना में पंजाब की मान सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत घर तक राशन पहुंचाने की योजना के सिलसिले में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह बात कही।
पंजाब में भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में आप की सरकार सत्तारूढ़ है। बीते विधानसभा चुनाव में आप ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 117 सदस्यीय विधानसभा की 92 सीटें जीतकर कांग्रेस की सरकार को सत्ता से अपदस्थ किया था। इस सफलता के साथ ही आप ने पंजाब में नया चुनावी इतिहास रच दिया था।
अब चूंकि आप और कांग्रेस, दोनों ही ‘इंडिया’ अलायंस की हिस्सा हैं, इसलिए लोक सभा चुनाव में इन दोनों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सभी की जिज्ञासा है। चूंकि पंजाब और चंडीगढ़ में ‘इंडिया’ अलायंस की घटक ये दोनों पार्टियां ही प्रमुख खिलाड़ी हैं, गठबंधन के अन्य किसी घटक दल का राज्य में कोई ज्यादा वजूद नहीं है, इसलिए आप और कांग्रेस के बीच टिकटों के बंटवारे को लेकर कशमकश रहने वाली है।
अभी कांग्रेस ने अपना दावा पेश नहीं किया है, लेकिन उसका पंजाब में जनाधार रहा है, और राज्य में उसकी सरकार रही है, इसलिए वह भी यकीनन ज्यादा नहीं तो कुछ सीटों पर तो अपना दावा पेश करेगी ही।
इस तरह तय है कि ‘इंडिया’ अलायंस में सीटों के बंटवारे को लेकर जबरदस्त खींचतान होनी है। जिस प्रकार आप के संयोजक एकतरफा तरीके से पंजाब, चंडीगढ़ और दिल्ली में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं, उससे यकीनन ‘इंडिया’ अलायंस में फूट पड़ना तया है।
सभी घटक दल ‘एकला चलो’ के अंदाज में चलेंगे तो विपक्ष को वांछित नतीजे नहीं मिल सकते। झेंप मिटाने के लिए फ्रेंडली मुकाबला होने की बात कहकर ‘इंडिया’ अलायंस अपनी एकजुटता की बात जरूर कहेगा लेकिन इतना तय है कि भाजपा के सामने नहीं टिक सकेगा।
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