सख्त कार्रवाई जरूरी
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विट्र ने एक बार फिर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार की हिमाकत की है।
सख्त कार्रवाई जरूरी |
अब उसने लेह को लद्दाख के बजाय जम्मू-कश्मीर का हिस्सा दिखाया है। ज्ञातव्य है कि संसद ने लद्दाख को केंद्र शासित राज्य घोषित किया है और लेह इसका मुख्यालय है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर को पांच दिनों के भीतर जवाब देने के लिए नोटिस दिया है। हालांकि सोशल मीडिया का सबसे बड़ा मंच फेसबुक और ट्विटर का इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना और देश की एकता के खिलाफ बर्ताव नया नहीं है।
पहले भी उसने अपनी हरकतों से देश को नीचा दिखाने का प्रयास किया है और इस करतूत के लिए उसे भारत सरकार से माफी तक मांगनी पड़ी है। गौरतलब है कि इससे पहले एक लाइव प्रसारण में ट्विटर ने लेह को चीन का हिस्सा दिखाया था जिसके बाद आईटी मंत्रालय ने ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई थी। बाद में ट्विटर ने संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष माफी भी मांगी थी जबकि ट्विटर की अपनी मर्यादा और नैतिकता को चोट पहुंचती है तो वह कार्रवाई करने से नहीं हिचकती है।
यह दोहरी मानसिकता उसके व्यवसाय के लिए कतई उचित नहीं है। इसी वर्ष दो महीने पहले ट्विटर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई की और उनके पोस्ट को हटाने का आदेश दिया। ट्रंप पर आरोप लगाया कि उन्होंने डाटा का गलत इस्तेमाल किया और कोविड-19 को सामान्य फ्लू बताया। इसके उलट, ट्विटर हमेशा से भारत की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ करता आया है। वह निष्पक्ष होने के बजाय आए दिन भारत विरोधी एजेंडा चलाता रहता है। कुछ माह पहले ट्विटर ने भारत के जम्मू-कश्मीर को रिपब्लिक ऑफ चाइना बताने की धृष्टता की थी।
ऐसा करके ट्विटर अपनी विसनीयता खोता जा रहा है। यह एक ऐसा आपत्तिजनक कार्य है, जिसके लिए ट्विटर पर अब सख्त कार्रवाई की जरूरत आन पड़ी है। उसे वैश्विक स्तर पर निष्पक्षता का पालन करना चाहिए, न कि किसी देश का एजेंडा चलाना चाहिए क्योंकि इससे ट्विटर की निष्पक्षता पर प्रश्न चिह्न लगता है। एक साल पहले ही अमेरिका के दैनिक अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने फेसबुक की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। नि:संदेह फेसबुक और ट्विटर को अगर ईमानदार और निष्पक्ष दिखना है, तो उन्हें अपनी आदतें सुधारनी होंगी।
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