59 मिनट में लोन

Last Updated 05 Nov 2018 12:23:54 AM IST

देश को दूसरा सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला एमएसएमई क्षेत्र मोदी सरकार के लिए शुरू से ही प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है और खासकर, 2018 के आम बजट में इसे खासी तवज्जो दी गई।


59 मिनट में लोन

दीपावली के अवसर पर 12 नये ऐतिहासिक कदमों की घोषणा करते हुए लाखों उद्यमियों एवं कर्मचारियों से युक्त जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई को ऋण के मामले में और कई सुविधाएं देते हुए सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल लांच किया है, जिसमें दावा किया गया है कि एमएसएमई क्षेत्र को अब एक करोड़ रुपये तक का ऋण केवल 59 मिनटों अर्थात एक घंटे से भी कम समय में प्राप्त हो जाएगा। एमएसएमई सिडबी एवं पीएसबी से भी ऋण प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यह क्षेत्र लंबे समय तक इंस्पेक्टर राज के तले दबा रहा है। मोदी सरकार आरंभ से ही इस क्षेत्र को इसकी दासता से मुक्त कराने की बात करती रही है।

इस सेक्टर से संबंधित फैक्टरियों में जांच की अनुमति केवल कंप्यूटराइज्ड औचक आवंटन के जरिये ही दी जाएगी और इंस्पेक्टरों को 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट अपलोड करना होगा। सरकार ने श्रम कानूनों में और ढील दिए जाने, पर्यावरण नियमों के सरल अनुपालन और लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए कंपनी कानूनों में बदलाव की भी घोषणा की। जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई 1 करोड़ रु पये तक के नये ऋणों पर 2 प्रतिशत तक की रियायत प्राप्त कर सकेंगे, एमएसएमई द्वारा किए जाने वाले निर्यात-पूर्व एवं निर्यात-पश्चात ऋण पर ब्याज छूट को भी 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। 59 मिनटों में एक करोड़ रु पये तक के ऋण की मंजूरी वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की प्रमुख विशेषताएं ये हैं कि यह वर्तमान बैंकिंग प्रक्रियाओं के पूरी तरह अनुकूल है, इसमें एमएसएमई एक ही बार में कई बैंकों से ऋण के लिए आवेदन कर सकता है, यह सर्वोच्च स्तर की सूचना सुरक्षा से लैस है, जीएसटी, आईटीआर, बैंक विवरण, फ्रॉड चेक, ब्यूरो चेक आदि से सुसज्जित होने के कारण ऋण मंजूरी की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाती है। इसमें कोई शक नहीं कि आसान ब्याज दरों एवं सरल तरीके से त्वरित ऋण प्राप्त होने से एमएसएमई क्षेत्र को काफी लाभ होगा लेकिन इस दावे को अमली जामा पहनाना भी क्या उतना ही आसान होगा, यह देखना बाकी है।



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