निवेश की रणनीति
फरवरी 21 और 22 को आयोजित यूपी इनवेस्टर्स समिट संपन्न हुआ और इसमें करीब 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश होने की बातें सामने आई.
निवेश की रणनीति |
देश के महत्त्वपूर्ण उद्योगपति इस मौके पर मौजूद थे और उन्होंने बढ़कर उत्तर प्रदेश में निवेश की बातें की.
पर समझने की बात यह है कि निवेश की बात अलग है और निवेश अलग है. निवेश प्रदेश में हकीकत में तभी आएगा जब निवेशक पूर्ण रूप से आस्त होंगे कि उनकी रकम ना सिर्फ वापस हो पाएगी बल्कि उन्हें मुनाफा भी कमाकर दे पाएगी.
उत्तर प्रदेश का औद्योगिक विकास समूचे देश के विकास के लिए बेहद जरूरी है. यह राज्य अपने आकार में इतना बड़ा है कि कई देश इसके पीछे छूट जाते हैं. इतने बड़े आकार का राज्य अगर कायदे से विकास ना कर पाया, तो पूरे देश के विकास पर नकारात्मक असर डालेगा.
बहुत नकारात्मक छवि तब भी बनती है, जब महाराष्ट्र के राजनेता उत्तर प्रदेश और बिहार से रोजगार की तलाश में गए नौजवानों को अपमानित करते हैं. उनसे कहते हैं कि क्यों यहां चले आते हो? कुछ ऐसा हो उत्तर प्रदेश में कि यहां के नौजवानों को बाहर ना जाना पड़े. उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा, नोएडा में कई नामी-गिरामी साफ्टवेयर कंपनियां काम कर रही हैं. कई कारखाने काम कर रहे हैं.
पर इस तरह का विकास उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों छोटे शहरों में भी दिखना चाहिए. आधारभूत ढांचा, बिजली सड़क की बेहतरीन व्यवस्था उद्योगपतियों को आकर्षित करेगी उत्तर प्रदेश की तरफ. पर समझने की बात यह है कि उद्योगपति उत्तर प्रदेश में वास्तव में तब ही आएंगे जब उन्हे यहां आने में फायदा दिखाई देगा. यहां लागत कम लगेगी, नौकरशाही का प्रकोप नहीं होगा.
साथ ही कानून-व्यवस्था बेहतरीन होगी. इसलिए अभी जो बातें हुई हैं, उनके जमीन पर उतरने का फिलहाल इंतजार करना होगा. बातों से सिर्फ बातें निकलती हैं, ठोस परिणाम ठोस निवेश से निकलेगा, और उसके लिए कुछ वक्त के बाद ही मंथन किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश और बिहार की छवि पश्चिम भारत के उद्योगपतियों के बीच बहुत सकारात्मक नहीं है. खास कर कानून-व्यवस्था को लेकर यहां बहुत शंकाएं रही हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कानून-व्यवस्था की बेहतरी के जिस तरह से काम कर रहे हैं, उससे इस निवेश के फलीभूत होने की संभावनाएं प्रबल मानी जा सकती हैं.
Tweet |