रिश्तों में गरमाहट
नेपाल के प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा की पांच दिवसीय भारत की राजकीय यात्रा ऐसे समय हुई है, जब काठमांडो नया संविधान लागू करने और मधेशियों के राजनीतिक असंतोष के चलते उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, और डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है.
रिश्तों में गरमाहट |
जाहिर है कि ऐसी परिस्थिति में रक्षा-सुरक्षा का मसला दोनों देशों के लिए चिंता का बड़ा कारण है. अलबत्ता, देउबा और मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत में यह मसला छाया रहा.
प्रधानमंत्री मोदी ने पारस्परिक बातचीत में रक्षा और सुरक्षा को द्विपक्षीय संबंधों का महत्त्वपूर्ण पहलू के रूप में रेखांकित किया. देउबा भारत के साथ अपने करीबी रिश्ते के लिए जाने जाते हैं. लिहाजा, उन्होंने भारत को अपना सच्चा मित्र मानते हुए यह आस्त किया कि नेपाल अपनी धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने देगा. पिछले कुछ महीनों से दोनों देशों के संबंधों में जो गतिरोध पैदा हुआ था, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि काठमांडो और नई दिल्ली के बीच संबंधों में गरमाहट आई है.
दरअसल, दोनों देशों की सीमाएं खुली हुई हैं, लिहाजा, दोनों के लिए सजग और मुस्तैद रहने की जरूरत है. इस मसले पर सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए तंत्र विकसित करने के लिए नई दिल्ली और काठमांडो के बीच सहमति कायम हुई है. दोनों देशों के बीच नेपाल में भूकंप से तबाह हुए घरों के पुनर्निर्माण, बाढ़ प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति और मादक पदाथरे की तस्करी नियंत्रित करने से संबंधित कुल आठ समझौते हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल को हरसंभव मदद जारी रखने की अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए दोनों देशों के संबंधों को हिमालय जितना पुराना बताया. लेकिन सचाई यह है कि की भारत पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता वहां के लोगों को सशंकित करता रहता है. वहां एक वर्ग मानता है कि भारत नेपाल के अंदरूनी मामलों में अनावश्यक दखल देता रहता है जिसके चलते नेपाल की संप्रभुता और स्वतंत्र पहचान प्रभावित होती है. इसीलिए नेपाल में लंबे समय से भारत विरोधी भावनाएं सक्रिय रही हैं. एक बड़ा पड़ोसी होने के नाते भारत को नेपाल के इस दर्द को समझना होगा.
अगर वास्तव में दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ता बनाना है तो भारतीय राजनयिकों को ऐसी रणनीति विकसित करनी चाहिए जो नेपाल जैसे छोटे और आर्थिक-सामाजिक रूप से पिछड़े देशों का विश्वास अर्जित करने में मददगार बन सके.
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