नोटबंदी की गोपनीयता
कुछ लोग 500 और 1000 के नोटों की वापसी के निर्णय को लेकर कई प्रकार के उधेड़बुन में लगे हैं.
नोटबंदी की गोपनीयता |
उनकी पहली चिंता है कि आखिर प्रधानमंत्री ने किसकी सलाह पर यह कदम उठाया? इस संबंध में सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी गई सूचना में प्रधानमंत्री कार्यालय ने साफ किया है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री को किसने सलाह दिया था. उनकी दूसरी उद्विग्नता इस बात को लेकर है कि भारतीय रिजर्व बैंक की इसमें क्या भूमिका थी?
आरबीआई ने देश में लंबी बहस के बाद स्पष्टीकरण दिया है कि उसे भी फैसले के केवल एक दिन पहले बताया गया. इन दोनों बातों से क्या निष्कर्ष निकलता है? आलोचक इसका कई प्रकार से अर्थ लगा सकते हैं.
किंतु इसका सीधा सरल निष्कर्ष यह है कि प्रधानमंत्री ने नोट वापसी की घोषणा के पहले पूरी गोपनीयता बनाए रखी और मंत्रिमंडल के भी कुछ अति विश्वस्त साथियों को ही इसकी जानकारी दी.
प्रधानमंत्री कार्यालय में इसकी सूचना होने का कोई कारण भी नहीं है कि किसकी सलाह पर और कैसे यह लागू किया गया. अगर ये जानकारियां प्रधानमंत्री कार्यालय के पास उपलब्ध होतीं तो इसका अर्थ होता कि गोपनीयता का दावा गलत है. गोपनीयता का मतलब हर स्तर पर गोपनीयता होता है. निहित स्वार्थी तत्व उसका लाभ उठा सकते थे.
इस बात पर भी भारत में दो राय है कि नोट वापसी का निर्णय रिजर्व बैंक को करना चाहिए था या प्रधानमंत्री को. लेकिन रिजर्व बैंक अपने से तो ऐसा कर नहीं सकता था. इस मामले में निर्णय तो सरकार को ही करना था. प्रधानमंत्री ने इसकी गोपनीयता बनाए रखने के लिए समय के पूर्व न उससे विचार-विमर्श किया, न उसे सूचित ही किया. आलोचक इसके रिजर्व बैंक के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कह रहे हैं, पर ऐसे लोगों की संख्या भी काफी है, जो मानते हैं कि सरकार का व्यवहार सही था, अन्यथा नोट वापसी का उद्देश्य नष्ट होने का खतरा पैदा हो जाता.
वास्तव में इस बात की उधेड़बुन में जिनको पड़ना है वे पड़ें. चाहे जिसकी भी सलाह रही हो, निर्णय हुआ और लागू हो गया. अब चिंता उसके परिणामों की जानी चाहिए. उस निर्णय से देश के हर व्यक्ति को कम या ज्यादा परेशानी हुई. परेशानी पूरी तरह खत्म अभी भी नहीं हुई है.
इससे व्यवसाय पर तत्काल प्रतिकूल असर पड़ा है. तो विचार इस पर होना चाहिए कि लोगों की परेशानियों का अतिशीघ्र अंत हो, व्यवसायी प्रतिकूल प्रभावों से बाहर निकलकर सामान्य गतिविधियां कर सकें.
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