नाम से परहेज क्यों?

Last Updated 26 Oct 2016 04:22:08 AM IST

सुप्रीम कोर्ट की सरकारी बैंकों के डूबत कर्ज या गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) पर नई टिप्पणी की वजह समझ से परे नहीं है.


नाम से परहेज क्यों?

सर्वोच्च अदालत उन लोगों के नाम जाहिर करने को कह रही है, जिनके नाम हजारों करोड़ रुपये बकाया है. भारतीय रिजर्व बैंक की दलील है कि संबंधित कानून के तहत नाम गोपनीय रखना मजबूरी है.

लेकिन प्रधान न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर की अगुआई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सीलबंद लिफाफे में मुहैया कराए गए ब्योरे जाहिर कर दिए. इस ब्योरे के मुताबिक 87 लोगों के पास 85,000 करोड़ रुपये बकाया हैं. यह इतनी बड़ी रकम है कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

कुल एनपीए की रकम तो शायद इससे भी बड़ी लाखों करोड़ में बताई जाती है. दरअसल, एनपीए का मामला इतना बड़ा हो गया है कि इसका अर्थव्यवस्था पर काफी गहरा असर हो रहा है. इसके अलावा, यह सार्वजनिक पैसे का भारी दुरुपयोग भी है. पिछले कई साल से उत्पादन क्षेत्र में गिरावट में इसे भी एक वजह माना जा रहा है.

सरकारी बैंक इस डूबत कर्ज यानी न अदा किया जाने वाले कुछ लाख करोड़ रुपये के निकल जाने से तबाह होने की कगार पर पहुंच गए हैं. पिछले आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में बैंकों से कर्ज देने के नियमों को कड़ा करने को कहा गया.

राजन ने ही डूबत खाते के मामले पर जोर देने की नीति बनाई. उनके इस कदम से यह हुआ कि बैंकों से नई परियोजनाओं को कर्ज मिलने पर सख्ती हो गई. इसका सीधा असर उत्पादन में गिरावट के तौर पर दिखा.

उत्पादन क्षेत्र में गिरावट की वजह से रोजगार के बाजार में आई मंदी से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार बैंकों से कर्ज पर सख्ती खत्म करने को कहती रही है. नए आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के कार्यभार संभालने के बाद एक अवधारणा यह भी आगे बढ़ाई जा रही है कि एक ‘बैड बैंक’ तैयार किया जाए यानी डूबत कर्ज की रकम को एक अलग खाते रखा जाए, ताकि बैंक के कार्यकलाप में वह आड़े न आए.

इसका मकसद मोटे तौर पर यह लगता है कि डूबत कर्ज को अलग रखकर नई परियोजनाओं के लिए कर्ज देने पर सख्ती को दूर किया जा सके.

सरकार की दिक्कत शायद यह है कि इन बड़े कर्जदारों के नाम उजागर कर देने से अर्थव्यवस्था में कहीं और गिरावट न दिखने लगे. मगर प्रधान न्यायाधीश का तर्क है कि इससे उन्हें डरना चाहिए, जो सार्वजनिक पैसे नहीं चुका रहे हैं.

संपादकीय लेख


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment