पत्थरबाजों को दो टूक
देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जम्मू शहर के बाहरी इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए सरकार के दृढ़ संकल्प को स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर में पथराव करने वाले सत्याग्रही नहीं बल्कि हमलावर हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली |
ऐसे तत्वों के साथ नरमी नहीं बरती जाएगी. वित्त मंत्री का यह कड़ा संदेश पड़ोसी पाकिस्तान के साथ-साथ उन मुट्ठी भर स्थानीय पाक परस्त नेताओं के लिए भी है जो जम्मू-कश्मीर को उन्नीस सौ नब्बे के हालात पर पहुंचाना चाहते हैं.
कहा जा सकता है कि वित्त मंत्री की यह कड़ी चेतावनी पंद्रह अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिए गए भाषण का ही विस्तार है, जिसमें उन्होंने ब्लूचिस्तान और पीओके में जारी मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा उठाया था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनसंघ अब (अब भारतीय जनता पार्टी) की पाकिस्तान और कश्मीर नीति को करीब से देखने और समझने वालों के लिए इसमें नया कुछ भी नहीं है. पाकिस्तान और कश्मीर इसके एजेंडे पर हमेशा सबसे ऊपर रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की नीतियों का अनुसरण करते हुए कश्मीर में पाकिस्तान की दखलंदाजी को बंद करके उसे राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल करना चाहते हैं. इस लक्ष्य को साधने के लिए एक अति उदारवादी और बड़े दिल वाले नेता की तरह उन्होंने अपनी ओर से विशेष पहल करके पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को दृढ़ बनाने का प्रयास किया.
प्रधानमंत्री मोदी जानते हैं कि दक्षिण एशिया में शांति और आर्थिक सहयोग बढ़ाकर ही कश्मीर को मुख्यधारा में लाया जा सकता है. लेकिन पाकिस्तान अपनी धूर्तता और मूर्खता से बाज नहीं आ रहा है और कश्मीर में लगातार अलगाववाद और आतंकवाद का जहर फैला रहा है.
पाकिस्तान की इस कूटनीतिक चाल के खतरे को भांप कर ही प्रधानमंत्री ने कश्मीर के बरक्स ब्लूचिस्तान और पीओके का कार्ड खेला है. पिछली 8 जुलाई को आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद से कश्मीर में हिंसा और अशांति का जो दौर जारी है, वह कुछ अलग ही तरह का है. केंद्र सरकार संवाद और शांति बहाल करना चाहती है.
शर्त यह कि गुमराह और भटके हुए युवाओं को हिंसा का रास्ता छोड़ना होगा. विपक्षी दलों को भी राजनीति छोड़कर प्रधानमंत्री मोदी और महबूबा की सरकार के साथ मिलकर पाकिस्तान के झांसे में आए युवकों की आंखों पर बंधी पट्टी खोलनी होगी. इसी रास्ते कश्मीर का विकास मुमकिन है.
Tweet |