केंद्रीय कर्मियों को तोहफा
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार करना केवल समय की बात थी. जब पिछले ही वर्ष वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशें दे दीं तो इस वर्ष आज-न-कल इसे स्वीकार किया ही जाना था.
केंद्रीय कर्मियों को तोहफा. |
वेतन आयोग की नियुक्ति, उसकी संस्तुति और स्वीकृति अपरिहार्य चक्र जैसा है. किंतु इसकी एक प्रक्रिया होती है. इसके अनुसार आयोग की सिफारिशों को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति समीक्षा करके अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री को देती है, जिसके बाद एक नोट तैयार करके मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाता है और उस पर फैसला होता है.
बहरहाल, वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों को खुश होना चाहिए. इसके विपरीत केंद्रीय कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की धमकी दे दी है. कर्मचारियों के वेतन में औसतन 18 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. आयोग ने औसत 23.55 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी. यह जनता के लिए हैरत का व्यवहार है.
सामान्य तौर पर देखें तो न्यूनतम वेतन 7 हजार से बढ़कर 18 हजार तथा अधिकतम 90 हजार से बढ़कर 2 लाख 50 हजार हो गया है. यानी ढाई गुना से ज्यादा की वृद्धि. ग्रेच्युटी की सीमा 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दी गई है. ऐसी और भी आकषर्क एवं केंद्रीय कर्मचारियों की जेबें मजबूत करने वाली बातें इसमें हैं. लेकिन कैबिनेट सचिव की समिति ने इससे ज्यादा बढ़ोतरी की सिफारिश की थी.
केंद्रीय कर्मचारी उसे स्वीकार करने की मांग कर रहे हैं. पता नहीं वे क्यों भूल रहे हैं कि वर्तमान वृद्धि से खजाने पर एक लाख करोड़ से ज्यादा का भार बढ़ेगा जो कुल अर्थव्यवस्था का 0.7 प्रतिशत के आसपास होगा. राजकोषीय घाटे को कम करने के दबाव में इतनी अधिक राशि को संतुलित कर पाने में सरकार के पसीने छूटेंगे.
बावजूद यदि केंद्रीय कर्मी और बढ़ाने के दबाव के लिए काम बंद करने पर तुले हैं तो इसे उचित नहीं कहा जाएगा. आपको तो निश्चित अंतराल पर वेतन आयोग का तोहफा मिल जाता है. बीच-बीच में सरकारें महंगाई भत्ते भी बढ़ाती रहती है.
जरा उन लोगों की सोचिए जो सरकारी नौकर नहीं हैं, जो मेहनत मजदूरी से या खेती से अपना और परिवार का जीवन-यापन करते हैं. उनके लिए कौन सा आयोग है? अगर उनकी ओर देखेंगे तो कर्मचारियों का मुंह बंद हो जाएग.
केंद्र के बाद राज्य सरकारों पर भी वेतन बढ़ाने का दबाव आएगा और कुल मिलाकर पूरे खजाने का भार बढ़ेगा. कोई भी सरकार कर्मचारियों को नाखुश करके काम नहीं कर सकतीं.
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