असाधारण कारनामा
निश्चय ही पूरे देश के लिए यह गर्व का विषय है. एक साथ 20 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण एवं उनको सही कक्षा में स्थापित करना, भारत जैसे देश के लिए साधारण कारनामा नहीं है.
असाधारण कारनामा |
जिन देशों ने एक समय क्रायोजेनिक ईजन देने से मना किया और भारत को प्रतिबंधित तक किया, उनके लिए तब यह कल्पना करना मुश्किल रहा होगा कि भारत एक दिन अंतरिक्ष प्रक्षेपण के इतिहास में कीर्तिमान बनाने वाला देश बन जाएगा.
हालांकि अभी हम रूस और अमेरिका से इस मामले में पीछे हैं, जिन्होंने एक साथ क्रमश: 33 और 29 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया था. किंतु जब हमने 20 उपग्रह एक साथ छोड़ दिया तो एक दिन 33 की छलांग भी लगा देंगे.
दुनिया का पूरा अंतरिक्ष महकमा देख रहा था कि इसरो आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ रिकॉर्ड बनाने के अपने अभियान में सफल होता है या नहीं. यह पूरा मिशन 26 मिनट 30 सेकेण्ड में पूरा हो गया. हालांकि भारत ने इसके पूर्व 2008 में भी एक साथ 10 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था. वास्तव में वर्तमान महत्त्वपूर्ण सफलता के साथ दुनिया के अंतरिक्ष प्रक्षेपण व्यवसाय में भारत का झंडा और बुलंद हुआ है.
इसरो के निदेशक पी. उन्नीकृष्णन का यह कथन सही है कि हम अधिक से अधिक पेशेवराना कार्यशैली अपनाते जा रहे हैं. उन्होंने इस बात पर खुशी भी व्यक्त की कि हम अपने ग्राहकों को विश्वस्तरीय सेवा देने में सफल रहे हैं. ध्यान रखने की बात है कि जो 20 उपग्रह प्रक्षेपित किया गया, उसमें 17 विदेशी थे. यानी, स्वदेशी के साथ यह एक व्यावसायिक मिशन भी थ.
इनमें अमेरिका, जर्मनी, इंडोनेशिया, कनाडा के उपग्रह शामिल थे. वर्ष 1999 से अब तक इसरो 74 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर चुका है. पिछले साल भी तीन मिशनों के तहत इसरो ने 17 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था. इस तरह, भारत अंतरिक्ष बाजार में अपना पांव पसार रहा है. तो एक समय आएगा जब हम दुनिया के ज्यादातर देशों का उपग्रह उनकी यथेष्ट कक्षा में स्थापित करने का व्यापार करने वाला प्रमुख देश बन जाएंगे. कारण, हमारे वैज्ञानिकों ने प्रक्षेपण खर्च को अपने अनुसंधानों और प्रयोगों से काफी कम किया है.
तो अंतरिक्ष प्रक्षेपण बाजार में यह भारत को अलग स्थान दिलाता है और इसके लिए हमारे वैज्ञानिकों का अभिनंदन. वैसे देश भी हमसे अपना उपग्रह प्रक्षेपण करा सकते हैं, जो इन मामलों में अग्रणी हैं पर उनका खर्च ज्यादा बैठता है.
Tweet |