रूस ने अमेरिका पर भारत के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी का आरोप लगाया

Last Updated 09 May 2024 03:50:29 PM IST

अमेरिका पर भारत के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी का आरोप लगाते हुए रूस ने कहा है कि वाशिंगटन देश में धार्मिक स्वतंत्रता को खतरे के बारे में "नियमित रूप से निराधार आरोप लगाकर" लोकसभा चुनावों को "उलझाने" की कोशिश कर रहा है।




अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) की हाल में जारी रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि वाशिंगटन न सिर्फ भारत, बल्कि कई दूसरे देशों पर भी "निराधार" आरोप लगाता है।

जखारोवा ने बुधवार को मास्को में मीडियाकर्मियों को बताया, "अमेरिका द्वारा नई दिल्ली के खिलाफ नियमित रूप से धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के आधारहीन आरोप यह दिखाते हैं कि अमेरिका भारत की राष्ट्रीय मानसिकता तथा भारतीय विकास के ऐतिहासिक संदर्भ को नहीं समझता है और एक राष्ट्र के रूप में भारत का अपमान करता है। हम देख रहे हैं कि वे न सिर्फ भारत पर, बल्कि कई अन्य देशों पर भी निराधार आरोप लगा रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि यह नवउपनिवेशवाद की मानसिकता है, औपनिवेशिक युग की, गुलामों के व्यापार के समय की और साम्राज्यवादी युग की मानसिकता है...। यह सिर्फ भारत पर लागू नहीं होता है। इसके पीछे भारत की आंतरिक राजनीतिक स्थिति में असंतुलन पैदा करने की इच्छा है ताकि देश में हो रहे लोकसभा चुनावों को उलझाया जा सके। निस्संदेह यह भारत के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी है।"

मीडिया ब्रीफिंग के दौरान जखारोवा से एक अमेरिकी समाचार पत्र में प्रकाशित एक रिपोर्ट के बारे में भी पूछा गया जिसमें एक भारतीय अधिकारी पर विदेशी जमीन पर एक "हत्या के प्रयास" में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

जखारोवा ने कहा, "हमारे पास जो जानकारी है उसके अनुसार, वाशिंगटन ने जी.एस. पन्नून की हत्या साजिश में भारतीय नागरिकों के शामिल होने का कोई ठोस सबूत नहीं दिया है। सबूतों के अभाव में इस मामले में अटकलबाजी स्वीकार्य नहीं है।"

भारत ने पिछले सप्ताह यूएससीआईआरएफ की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत के आम चुनावों में दखलअंदाजी करने की एजेंसी की कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, "वे पहले भी अपनी रिपोर्ट रिलीज करते थे। यूएससीआईआरएफ की छवि एक पक्षपाती संगठन की है जिसका राजनीतिक एजेंडा है। वे भारत के बारे में अपना प्रॉपेगेंडा वार्षिक रिपोर्ट के हिस्से के रूप में प्रकाशित करते रहते हैं। हमें यूएससीआईआरएफ से भारत की विविधता, बहुलता और लोकतांत्रिक लोकाचार को समझने की उम्मीद नहीं है। दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया में दखलअंदाजी का उनका प्रयास कभी कामयाब नहीं होगा।"

आईएएनएस
मास्को


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment