कीमतें ऊंची होने के बावजूद भारत में सोने की मांग तीन प्रतिशत बढ़कर 1,238 टन: WGC

Last Updated 30 Apr 2024 03:35:10 PM IST

उच्च कीमतों के बावजूद जनवरी-मार्च में वैश्विक सोने की मांग मामूली रूप से तीन प्रतिशत बढ़कर 1,238 टन हो गई। यह 2016 के बाद से सबसे मजबूत तिमाही रही।


विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने मंगलवार को अपनी वैश्विक रिपोर्ट ‘गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स क्यू1 2024’ जारी की। इसके अनुसार, सोने की कुल वैश्विक मांग (ओवर द काउंटर खरीद सहित) सालाना आधार पर तीन प्रतिशत बढ़कर 1,238 टन हो गई।

‘ओवर-द-काउंटर’ (ओटीसी) लेनदेन दो पक्षों के बीच सीधे होते हैं, जबकि ‘एक्सचेंज ट्रेडिंग’ एक्सचेंज के जरिए होती है।

जनवरी-मार्च में ओटीसी के अलावा मांग 2023 की इसी अवधि की तुलना में पांच प्रतिशत घटकर 1,102 टन रह गई।

विश्व स्वर्ण परिषद में वरिष्ठ बाजार विश्लेषक लुईस स्ट्रीट ने कहा, ‘‘ मार्च के बाद से सोने की कीमत सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है...’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हालिया उछाल के पीछे कई कारक हैं, जिनमें भू-राजनीतिक जोखिम में वृद्धि और चल रही व्यापक आर्थिक अनिश्चितता शामिल है....’’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंकों की ओर से निरंतर तथा दृढ़ मांग, मजबूत ओटीसी निवेश और ‘डेरिवेटिव’ बाजार में बढ़ी हुई शुद्ध खरीद ने सोने की कीमत को बढ़ाने में योगदान दिया है।

स्ट्रीट ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से, भारत और चीन सहित दुनिया के पूर्वी बाजार में तब्दीली तब आती है जब कीमतें नीचे जा रही होती हैं, जबकि पश्चिमी बाजार में तब्दीली तब आती है जब कीमतें ऊपर जा रही होती हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार हमने पूर्ण उलटफेर देखी है। पहली तिमाही में भारतीय और चीनी बाजारों में सोने की कीमतों में वृद्धि पर तब्दीली आई है। ’’

स्ट्रीट ने 2024 की संभावनाओं पर कहा कि इस साल सोने के हालिया प्रदर्शन के आधार पर वर्ष की शुरुआत में लगाए गए अनुमान की तुलना में अधिक मजबूत रिटर्न मिलने की संभावना है।

उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में यदि कीमतें स्थिर रहती हैं, तो कुछ मूल्य-संवेदनशील खरीदार बाजार में फिर से प्रवेश कर सकते हैं। निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर देखना जारी रखेंगे जहां वे ब्याज दरों में कटौती और चुनाव परिणामों के बारे में स्पष्टता चाहेंगे।’’
 

भाषा
मुंबई


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