आप को चरमपंथी समूह से कथित फंडिंग की NIA जांच की सिफारिश

Last Updated 06 May 2024 08:50:37 PM IST

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर खालिस्तान समर्थक चरमपंथी समूह द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) को कथित फंडिंग की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की सिफारिश की है।


दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

कथित उत्पाद नीति घोटाले के मामले में सीएम केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

एलजी को विश्‍व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया से एक शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आप को 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई में मदद के लिए 2014 और 2022 के बीच खालिस्तान समर्थक समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर की भारी राशि प्राप्त हुई थी।

यह भी आरोप लगाया गया है कि 2014 में न्यूयॉर्क के रिचमंड हिल गुरुद्वारे में अरविंद केजरीवाल और खालिस्तान समर्थक समूहों के बीच गुप्त बैठक हुई थी।

गृह मंत्रालय को लिखे एलजी के पत्र में कहा गया है, "उस बैठक के दौरान केजरीवाल ने कथित तौर पर खालिस्तानी गुटों से आप को पर्याप्त वित्तीय सहायता के बदले में देवेंदर पाल भुल्लर की रिहाई की सुविधा देने का वादा किया था।"

आगे कहा गया है, "शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में एक वीडियो की सामग्री का उल्लेख किया, जिसमें कथित तौर पर गुरपतवंत सिंह पन्नून (प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक) थे। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कुछ पोस्ट के अनुसार, मुनीश कुमार रायजादा, जो आप कार्यकर्ता हुआ करते थे, ने 2014 में रिचमंड हिल गुरुद्वारे में हुई अरविंद केजरीवाल और सिख नेताओं के बीच बैठक की एक तस्वीर साझा की थी।"

पत्र में यह भी बताया गया है कि अरविंद केजरीवाल ने भुल्लर के लिए क्षमादान की मांग करते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा था।

उपराज्यपाल के पत्र में कहा गया है, "इस संदर्भ में अरविंद केजरीवाल द्वारा इकबाल सिंह नामक व्यक्ति को संबोधित एक पत्र की एक प्रति संलग्‍न की गई है। दिनांक 27.01.2014 के पत्र में उल्लेख किया गया है कि 'हमारी सरकार इस मुद्दे के प्रति सहानुभूति रखती है और पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।"

"इसमें आगे उल्लेख किया गया है कि दिल्ली सरकार पहले ही राष्ट्रपति को भुल्लर की रिहाई की सिफारिश कर चुकी है और एसआईटी के गठन आदि सहित अन्य मुद्दों पर काम करेगी। इसे मीडिया द्वारा व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया था। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, उस समय इकबाल सिंह भुल्लर की रिहाई के लिए लिखित आश्‍वासन की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठे थे।"

उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने सिख फॉर जस्टिस द्वारा आप को फंडिंग के आरोपों की व्यापक जांच का अनुरोध किया है।

पत्र में कहा गया है, "चूंकि मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं और मामला भारत में पहले से ही प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन द्वारा एक राजनीतिक दल को लाखों डॉलर की कथित फंडिंग से संबंधित हैं, इसलिए शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच की जरूरत है, जिसमें फोरेंसिक जांच भी शामिल है।"

एलजी ने इच्छा जताई है कि गृह मंत्रालय मामले की गहन जांच करने के लिए मामले को एनआईए को सौंपने पर विचार कर सकता है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment