टीम चयन में यूटर्न

Last Updated 02 May 2024 01:40:22 PM IST

साल 2022 में ऑस्ट्रेलिया में हुए टी-20 विश्व कप में भी लंबे समय से चले आ रहे आईसीसी ट्रॉफी जीतने का सपना साकार नहीं होने पर टीम की बागडोर यंग ब्रिगेड के हाथों में सौंपने का फैसला किया गया था।


टीम चयन में यूटर्न

क्रिकेट के इस सबसे छोटे प्रारूप की कमान हार्दिक पांडय़ा को सौंप कर यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, ईशान किशन, ऋतुराज गायकवाड़ और रिंकू सिंह जैसे युवाओं को मौका भी दिया गया। लेकिन धीरे-धीरे पुराने खिलाड़ियों पर ही भरोसा जताया जाने लगा।

रोहित शर्मा को कप्तान बनाने के बाद विराट कोहली की वापसी हुई और आखिर में जब टीम का चयन किया गया तो टीम का कोर ग्रुप 2022 वाला ही है। इस विश्व कप में सेमीफाइनल तक चुनौती पेश करने वाली टीम के आठ खिलाड़ी इस टीम में भी हैं। पिछले विश्व कप में चोट की वजह से नहीं खेल सके जसप्रीत बुमराह को भी सीनियर खिलाड़ियों में गिना जा सकता है। इससे यह तो स्पष्ट है कि अंतिम एकादश में 2022 वाली टीम से ज्यादा अंतर नहीं होगा।

इसकी शायद वजह यह हो कि चयनकर्ताओं को आजमाए गई यंग ब्रिगेड पर भरोसा नहीं बन सका हो। वैसे देखा जाए तो टीम किसी हद तक संतुलित है। एक-आध चयन को लेकर ही उंगलियां उठ रही हैं। इनमें खास तौर से हार्दिक का चयन माना जा रहा है। हार्दिक की अगुआई में मुंबई इंडियंस तो खराब प्रदर्शन कर ही रही है, उनका बल्ला भी रूठा हुआ है। सही है कि हार्दिक प्रतिभाशाली हैं और लय पा लें तो मैच विनर की भूमिका निभा सकते हैं।

रिंकू सिंह और रवि बिश्नोई को नहीं चुने जाने की भी आलोचना हो रही है। रिंकू ने जब भी मौका मिला है, फिनिशर की भूमिका अच्छे से निभाई है। वह शायद आईपीएल के इस सीजन में नहीं चल पाने से सुरक्षित खिलाड़ियों तक ही पहुंच सके हैं।

बात बिश्नोई की तो जड़ेजा और अक्षर दोनों एक तरह के गेंदबाज हैं, इसलिए बिश्नोई को टीम में लेकर गेंदबाजी अटैक में विविधता लाई जा सकती थी। इस टीम की बल्लेबाजी सॉलिड तो स्पिन भी जानदार है। अलबत्ता, पेस अटैक में बुमराह का साथ देने वाले गेंदबाज की कमी महसूस की जा सकती है। वजह सिराज का रंगत में नहीं होना है पर अर्शदीप जरूर संतुलन बना सकते हैं। टीम के शिवम दुबे एक्स फेक्टर साबित हो सकते हैं। टीम में 2013 से आईसीसी ट्रॉफियों से चली आ रही दूरियों को खत्म करने की क्षमता है।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment